राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्य बताइए? इसके वर्तमान अध्यक्ष in hindi
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्य बताइए? इसके वर्तमान अध्यक्ष in hindi|महत्व| एसटी आयोग|sc commission|
नमस्कार दोस्तों जैसे कि हम जानते हैं हमें अक्सर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के बारे में सुनने हैं देखने को मिलता है और परीक्षा में भी इससे संबंधित बहुत से क्वेश्चन पूछे जाते हैं जैसे किस की स्थापना कब हुई इस के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं यह क्या कार्य करता है आदि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमारे द्वारा इस पोस्ट में इस आयोग की संपूर्ण जानकारी प्रोवाइड कर आई है आप ही ने विस्तार पूर्वक पढ़ें!
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग क्या है: - यहां एक संवैधानिक निकाय है जोकि अनुसूचित जनजाति के संरक्षण संवर्धन करते हैं तथा उनसे संबंधित विवाद या मुद्दों का समाधान करते हैं और यहां संबंधित जनजातियों के हितों एवं अधिकारों की रक्षा करती हैं
संविधान में वर्णित - भाग 16,अनुच्छेद 338(क)में,
अर्थ- ऐसे वनवासी समुदाय जो भौगोलिक रूप से सुदूर पहाड़ी एवं क्षेत्र में रहते हैं उनकी भाषा व संस्कृति विशिष्ट है! तथा समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं है!
स्थापना- 89 वे संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा अनुच्छेद 338 में 338 (क) जोड़कर वर्ष 2004 में "राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग "का गठन किया गया!
संरचना-1 अध्यक्ष -कैबिनेट मंत्री का दर्जा
1 उपाध्यक्ष -राज्य मंत्री का दर्जा
3 अन्य सदस्य -सचिव स्तर का
नियुक्ति - राष्ट्रपति द्वारा
कार्यकाल - राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित- वर्तमान में 3 वर्ष अधिकतम दो बार नियुक्त!
अध्यक्ष: - प्रथम अध्यक्ष कुंवर सिंह और वर्तमान अध्यक्ष नंदकुमार साईं है
मुख्यालय - दिल्ली में स्थित है तथा इसके 6 क्षेत्रीय कार्यालय भी है जो कि इस प्रकार है भोपाल, जयपुर ,रांची, रायपुर, भुनेश्वर और Shillong me,
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के कार्य :-
- जनजातियों के संरक्षण संबंधी कार्य करना
- जनजाति के अधिकारों के हनन से संबंधित विशिष्ट शिकायत व शिकायतों की जांच करना
- जनजाति को लघु वनोपज पर स्वामित्व का अधिकार देना
- पेसा अधिनियम 1996 को को पूर्ण क्रियान्वयन करना
- परंपरा से चली आ रही झुम कृषि को कम करना
- जनजाति के सामाजिक आर्थिक विकास की योजना निर्माण में भाग लेना और सलाह देना
- राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष और आवश्यकता पड़ने पर जनजाति के संबंध में विकास रिपोर्ट देना
- राष्ट्रपति व संसद द्वारा निर्मित किए गए जनजातियों के विकास संरक्षण व कल्याण से संबंधित कानूनों का निर्वहन करना
- सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त है
- अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न की शिकायत सीधे आयोग के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के समक्ष भेजी जा सकती है
- अपनी कार्यवाही विनियमित करने की शक्तियां
- कानून बनाते समय केंद्र और राज्य से संबंधित परामर्श करने की शक्तियां
- समन जारी करने की शक्तियां
- किसी जनजाति वर्ग को अनुसूचित जनजाति में शामिल करना तथा इसके संबंध में राष्ट्रपति को परामर्श देना
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्य बताइए? इसके वर्तमान अध्यक्ष in hindi and important facts
- इस आयोग में अध्यक्ष सहित कुल 5 सदस्य होते हैं
- आयोग के अध्यक्ष सदैव अनुसूचित जनजाति का होता है
- इसमें कम से कम दो व्यक्ति अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए
- इसकी मॉडल एजेंसी जनजाति मामलों का मंत्रालय है
- प्रतिवर्ष अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देना
- इसे अपनी कार्यविधि को विनियमित करने की शक्ति प्राप्त है
Comments
Post a Comment